आधुनिक क्रिकेट गेंदबाजों के लिए कब्रगाह बनता जा रहा है. उसके बावजूद इस खेल में गेंदबाजों को जब भी मौका मिलता है वो बल्लेबाजो को अपनी कातिलाना गेंदों से वार कर नाको चने चबवा देते है. आज से एक-दो दशक पहले वन-डे क्रिकेट में 200 से 250 तक का स्कोर एक सुरक्षित स्कोर माना जाता था. जिसे गेंदबाज आसानी से अपनी टीम के लिए बचा लेते थे. मगर बदलते नियम व कानून ने क्रिकेट को इतना फ़ास्ट बन दिया की अब 300 से 400 रन भी सुरक्षित नजर नहीं आते है. आये दिन गेंदबाजों की धुनायी होती रहती है.
इसी बीच दो नयी गेंदों के इस्तेमाल से जहां रिवर्स स्विंग समाप्त हो गयी है वही 10 ओवर के बाद सिर्फ 4 फिल्डर बाहर रखे जाने के कारण वन-डे क्रिकेट का रोमांच अलग स्तर पर जा पंहुचा है. इतनी कठिन परिस्थिति होने के बावजूद गेंदबाज हार नहीं मानते है. हर संभव प्रयास करते है की किस तरह बल्लेबाज पर हावी हुआ जाए. इसी कड़ी में अगले साल 2019 विश्व कप खेला जाना है. जिसमे आज हम आपको तीन ऐसे गेंदबाजों की जोड़ी के बारे में बतायेंगे जो कैसी भी स्थिति हो कभी हार नहीं मानते और उन्होंने पहले से ही विश्व क्रिकेट में अपनी गेंदबाजी से बल्लेबाजो के मन में भय पैदा कर रखा है.
#1. भुवनेश्वर-बुमराह
भारत के स्विंग सरताज माने जाने वाले तेज़ गेंदबाज भुवनेश्वर कुमार को भारत का जेम्स एन्डरसन कहा जाता है. भुवनेश्वर( भुवी ) के पास गेंद को एक ही जगह पर गेंद का टिप्पा गिरा कर अंदर और बाहर दोनों तरफ स्विंग कराने की कला में महारथ हासिल है. जिसके चलते इनका नाम इस समय विश्व के सबसे खतरनाक गेंदबाजों में गिना जाता है. इतना ही नहीं शुरू के 10 ओवर में स्विंग के बाद मैच के आखिरी के 10 ओवर में भी भुवी काफी किफायती गेंदबाजी रकते है. इनका कुल मिलाकर इकॉनमी रेट लगभग 5( 4.99) का है. भुवी ने अब तक इंडिया के लिए 86 वन-डे मैच खेले है जिसमे 38 के करीब औसत से 90 विकेट हासिल किये है.
वही दूसरे छोर से इंडिया के यार्कर किंग कहे जाने वाले बूम-बूम जसप्रीत बुमराह की गेंदबाजी अक भी कोई जवाब नहीं. ओनी तेज़ रफ़्तार और खतरनाक इन स्विंग से इन्होने बल्लेबाजो को पानी पिला रखा है. मैच के अंतिम छड़ों में खतरनाक यार्कर से काफी रन टीम के लिए बचाते है. बुमराह ने अभी तक 37 वन-डे खेले है जिसमे 64 विएक्त बुमराह के नाम दर्ज है. ऐसे में कोई शक नहीं की टीम इंडिया की ये दोधारी तलवार का 2019 विश्वकप में किसी टीम के पास जवाब होगा.