दुनिया की सबसे बड़ी इंडियन प्रीमीयर लीग के बाद भारत के इंग्लैण्ड दौरे से पहले यो-यो टेस्ट काफी चर्चा का विषय बना हुआ था. इसको लेकर कई पूर्व दिग्गजों ने अपनी-अपनी नाराज़गी जताई है. इस कड़ी में अब भारत के महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर ने भी यो-यो टेस्ट को लेकर अपनी राय दी है.

सचिन तेंदुलकर ने साफ किया कि अगर यो-यो टेस्ट को ही भारत की तरफ से खेलने के लिए बस एक पैमाना बनाया गया है तो यह ठीक नहीं. टीम में सलेक्शन के लिए इस टेस्ट को अनिवार्य नहीं किया जाना चाहिए.
भारतीय तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी को यो-यो टेस्ट पास नहीं करने की वजह से अफगानिस्तान के खिलाफ एक मात्र टेस्ट से बाहर किया गया था. दक्षिण अफ्रीका दौरे के बाद से शमी ने अब तक एक भी इंटरनेशनल मैच नहीं खेल पाये है. टेस्ट पास करने के बाद अब उनको इंग्लैंड के खिलाफ 18 सदस्यीय टेस्ट टीम में जगह दी गई है.
सचिन ने टेस्ट पर सवाल उठाते हुए कहा, मुझे लगता है फील्डिंग के लिए निश्चित मानक जरूरी है. मैंने कभी यो-यो टेस्ट नहीं दिया, हम बीप टेस्ट दिया करते थे जो कम ओ बेश यो-यो जैसा ही थी.
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आगे सचिन ने बीच का रास्ता निकालने की सलाह देते हुए कहा, यो-यो ही टीम में चुने जाने का पैमाना नहीं होना चाहिए. इसे खिलाड़ी की फिटनेस और उसकी योग्यता का मिश्रण होना चाहिए. मुझे लगता है यो-यो महत्वपूर्ण है लेकिन ध्यान देखना चाहिए कि खिलाड़ी कितना फिट और अनफिट है साथ ही उसकी योग्यता पर भी विचार किया जाना चाहिए.