इतिहास के पन्नों से
आज के दिन ऑस्ट्रेलिया रिकॉर्ड पांचवीं बार बना था विश्व विजेता
By CricShots - Mar 29, 2018 4:51 pm
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क्रिकेट इतिहास में आज का दिन बहुत खास है । आज ही के दिन ऑस्ट्रेलिया ने 8 साल बाद विश्व कप पर अपना दबदबा कायम किय था। एक समय विश्व क्रिकेट पर राज करने वाली ये टीम धीरे- धीरे अपनी बादशाहत खोती जा रही थी। और इसका कारण था इस टीम से एडम गिलक्रिस्ट , मैथ्यू हेडन , एंड्र्यू साइमंडस और रिकी पॅान्टिंग जैसी खिलाड़ीयों को क्रिकेट को अलविदा कहना । खेल प्रेमी यह मानने लगे थे की इस टीम में अब शीर्ष पर रहने वाली कोई बात नहीं। लेकिन 29 मार्च ,2015 को माइकल क्लार्क की अगुवाई वाली इस टीम ने 5वीं बार विश्व कप जीतकर यह साबित कर दिया की बाप-बाप होता है ।

इस मैच में कमेंटरी के दौरान भारतीय टीम के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली कह रहे थे की आज का दिन माइकल क्लार्क के लिए बहुत खास हैं। गांगुली का यह कहना जायज भी था । क्योंकी फाइनल के बाद क्लार्क क्रिकेट को अलविदा कहने वाले थे। विश्व कप का फाइनल हो ऊपर से आप कप्तान साथ ही साथ आपने 74 रनों की मैच जिताऊ पारी भी खेली है। किसी भी खिलाड़ी को इससे बेहतर मौका मिलेगा इस खेल को अलविदा कहने का ।

आइए एक नजर डालते हैं विश्व कप के इस रोमांचक मुकाबले पर
पहली बैंटिग करने आयी न्यूजीलैंड की टीम कुछ खास नहीं कर पायी। 35 ओवर में 150 रन बनाने वाली इस टीम को कंगारूओं ने 10 ओवर मे 33 रन देकर पवैलीयन की तरफ चलता किया। कीवीयों को इतने कम रन पर सीमीत रखने का अगर श्रेय जाता है तो वो ऑस्ट्रेलियाई पेस गेंदबाजों को । इस गेंदबाज में ना सिर्फ कीवी बल्लेबाजों पर अंकुश लगाया बल्कि-बल्कि छोटे-छोटे अंतराल मे विकेट भी निकाला। इस जीत में ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों ने अहम भूमीका निभाते हुए हर छोटे अंतराल में विकेट लिए। पारी की शुरूवात करने वाले कप्तान ब्रैंडम मैकुलम पहली ही ओवर के पांचवी गेंद पर मिशेल स्टार्क ने उन्हें आउट कर दिया। हैरान करने वाली बात ये रही की सात से भी ज्यादा के औसत से रन बनाने वाली ये टीम 10 ओवर में मात्र 30 रन ही बनाए पाए थे।

ऐसा लग रहा था की इम मैच के बाद अलविदा कहने वाले इस खिलाड़ी के साथ भगवान भी है. वो जो भी निर्णय लेते उन्हें सफलता मिलती। अब आप इसी निर्णय की बात कर लीजइए। एकदिवसीय प्रतियोगितामें स्पिनर को 15 या 20 ओवर के बाद गेंदबाजी कराई जाती है लेकिन इस मैच में क्लार्क ने 12वें ओवर में ही स्पिन गेंदबाजी को इस्तेमाल में लाना शुरू कर दिया। उन्होंने गेंद ग्लेन मैक्सवेल को थमा दी और मैक्सवेल ने भी अपने कप्तानी के भरोसे के सही साबित करते हुए दूसरे ही गेंद पर विश्व कप में सबसे बड़ी पारी खेलने वाले मार्टीन गुप्टिल को 33 रन के स्कोर पर चलता किया।

हालंकि बाद में रॅास टेलर और 111 रन की ताबड़तोड़ साझेदारी की बदौलत न्यूजीलैंड की पारी संभलती दिख रही थी। लेकिन अभी मैच में अभी बहुत कुछ होना बाकी था। 36वें ओवर में गेदबाज करने आए जेम्स फॅाक्नर ने न्यूजीलैंड की पारी को दिल का दौरा देते हुए रॅास टेलर और कोरी एंडरसन को चलता किया। फॅाकनर ने एंडरसन को बिना खाता ही खोले चलता किया। पांच विकेटके पतन के बाद फिर तो विकेट की झड़ लग गयी और पूरी टीम 183 रन के स्कोर पर आलआउट हो गयी।

184 रन का ये लक्ष्य मेलबर्न के ग्राउंड में कुछ भी नहीं था। 32वें ओवर में जब क्लार्क आउट हुए तो इस टीम के लिए जीत बस औपचारीकता भर थी। लेकिन इस मैच में अभी बहुत कुछ होना अभी बाकी था। ट्रेंट बोल्ट ने एरॅान फिंच को दूसरे ही ओवर में बिना रन बनाए चलता किया तो ऐसा लगा की मानों ये मैच कंगारूओं के हाथ से फिसल रहा है। लेकिन डेविड वॅार्नर औऱ स्टीव स्मिथ ने पारी को संभालते हुए कुछ रन जोड़कर कंगारूओं के सांस में सांस लाया।

लेकिन 13वें ओवर में वॅार्नर की हेनरी के गेंद पर आउट होने के बाद एक बार फिर कंगारू बल्लेबाजी डगमगाती हुई देखी। वॅार्नर के 45 रन के बदौलत अब टीम का स्कोर था । 63-2 । चौथे नंबर पर बल्लेबाजी करने आए माइकल क्लार्क ने स्मिथ के साथ बल्लेबाजी करने आयी स्मिथ में ना सिर्फ टीम को जीत की दहलीज पर लाकर खड़ा कर दिया बल्कि टीम के लिए 74 रन जोड़े। क्लार्क के आउट होने के बाद इस मैच में बस औपतचारीकता बची थी। जिसे शेन वॅाटसन ने आकर पूरा कर दिया। क्लार्क की कप्तानी वाली इस टीम ने 7 विकेट औऱ 7 ओवर रहते ही मैच को जीत लिया।