वो कहावत तो आपने सुनी ही होगी की जब शेर घायल हो जाता है तो और खतरनाक हो जाता है. कुछ उसी तरह से आईपीएल से खूंखार फॉर्म में फॉर्म में नजर आ रहे भारतीय बल्लेबाज के एल रहुल भी है. जो अपने शुरुआती कैरियर में कई सारी चोटें खाकर काफी घायल हो गये थे. मगर उसके बाद उन्होने एक घायल शेर की तरह वापसी की और पूरे क्रिकेट जगत में अपने नाम का डंका बजवा डाला. कुछ ऐसा ही उनके बचपन के कोच का मानना है. उनका कहना है को चोटों की वजह से राहुल को अपने खेल के बारे में सोचने का वक्त मिला, जिससे उन्हें काफी फायदा मिला.
राहुल के कोच जयराज मुत्तु ने टाइम्स ऑफ इंडिया को दिए बयान में कहा, “अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट दबाव झेलने के बारे में है और राहुल ने चोटों के उबरते समय काफी मानसिक तैयारी की थी. चोटों ने उसे सोचने के लिए काफी वक्त दिया.”
जयराज इंग्लैंड दौरे पर राहुल के प्रदर्शन से काफी खुश हैं. राहुल ने इंग्लैंड के खिलाफ पहले टी20 में शानदार शतक लगाया था. जयराज ने बताया कि राहुल दिन रात अपनी बल्लेबाजी के अलावा किसी और चीज के बारे में नहीं सोचते हैं.
उन्होंने कहा, “उसे बल्लेबाजी करना बेहद पसंद है. उसके दिल में बल्लेबाजी से पहले किसी चीज के लिए जगह नहीं है. वो हर रोज नेट में छह घंटे से कम समय नहीं बिताता है. साथ ही जब भी वो घर पर होता है तो उसके पिता उसे थ्रो डाउन करते है. वो बहुत प्रतिबद्ध है. बल्लेबाजी उसके लिए सब कुछ है. उसे अगर आप नींद से उठाकर आधी रात में भी बल्लेबाजी करने के लिए कहेंगे तो वो राजी हो जाएगा.”
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बता दे की जयराज 11 साल की उम्र से राहुल को कोच कर रहे हैं. अंडर-13 में राहुल के लगातार दो दोहरे शतक लगाने के बाद जयराज समझ गए थे उनमें बड़ा खिलाड़ी बनने की क्षमता है. राहुल की बल्लेबाजी के बारे में जयराज ने कहा, “आईपीएल के बाद से उसने तिरछी लाइन में खेलना बंद कर दिया है. वो रिवर्स स्विंग का अच्छा खिलाड़ी है लेकिन वो ये शॉट नहीं खेल रहा है. वो गेंद की लाइन में ही चलता है और शरीर से ज्यादा दूर नहीं खेलता है.”