हाल ही में यो-यो टेस्ट के दौरान तीन खिलाड़ियों के अनफिट होने के बाद बीसीसीआई ने अब एक बड़ा फैसला लिया है. बीसीसीआई ने कहा है की अब पहले फिटनेस साबित करो तब होगा टीम में चयन.
दरअसल बोर्ड को इन दिनों एक दो नहीं बल्कि तीन खिलाड़ियों के रिप्लेसमेंट में दूसरे खिलाड़ियों के नाम घोषित करने पड़े. जिससे टीम में चयन के बाद आने वाली इस दिक्कत से निपटने के लिए पहले यो-यो टेस्ट कराना सही समझा है.
पहले नंबर पर टीम इंडिया-ए के यु.के दौरे में विकेट कीपर बल्लेबाज संजू सैमसन का टीम में नाम था, मगर यो-यो टेस्ट में फेल होने के कारण उनकी जगह पर फिट इशान किशन को भेजा गया.
इसके बाद फिर भारत के तेज़ गेंदबाज मोहम्मद शमी भी अफगानिस्तान के खिलाफ यो-यो में फेल हो गये. जिस्स्से उनकी जगह पर नवदीप सैनी को टीम में चुना गया.
इतना ही नही इस सिलसिले के आखिरी आरोपी बने दो साल बाद टीम में वापसी करने वे अंबाती रायडू. रायडू का दो साल बाद टीम इंडिया के इंग्लैण्ड दौरे में वन-डे टीम में नाम आया. मगर इनकी फिटनेस इन्हें ले डूबी और यो-यो टेस्ट में रायडू नाकाम हो गये. जिनकी जगह पर फिर सुरेश रैना का नाम जोड़ा गया. ऐसे में बीसीसीआई ने बाद में होने वाली इस माथापच्ची से बचने के लिए एक नया तरीका ढूँढ निकाला है.
इस मुद्दे पर क्रिकेट प्रशासकों की समिति की बैठक में चर्चा की गयी जिसमें सीओए प्रमुख विनोद राय , डायना इडुल्जी , बीसीसीआई के मुख्य कार्यकारी अधिकारी राहुल जौहरी और क्रिकेट संचालन के महाप्रबंधक सबा करीम उपस्थित थे.
बीसीसीआई के एक अधिकारी ने बताया , ‘‘ आगे से खिलाड़ियों का चयन फिटनेस टेस्ट में सफल होने के बाद ही किया जाएगा. इंग्लैड दौरे के लिए टीम का चयन आईपीएल के दौरान हुआ था इसलिए खिलाड़ी चयन के बाद फिटनेस टेस्ट के लिए उपलब्ध हुए.’’
उन्होंने कहा , ‘‘ चयन के बाद टेस्ट होने से खिलाड़ी असहज स्थिति में आ जाते है और आगे से ऐसा नहीं होगा. ’’
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सीओए की बैठक में यह भी फैसला किया गया कि आगामी रणजी ट्रॉफी में शामिल होने वाली बिहार, उत्तराखंड और पूर्वोत्तर की नई टीमें ग्रुप डी में एक दूसरे के खिलाफ खेलेंगी और सिर्फ एक टीम क्वार्टर फाइनल के लिए क्वालीफाई करेगी.