अगर आप क्रिकेट प्रशंसक हैं तो आपने ऑस्ट्रेलिया के तेज गेंदबाज ग्लेन मैक्ग्रा का नाम तो जरूर सुना होगा । वो गेंदबाज जिसकी गेंदों पर छक्का या चौका मारना तो दूर, खिलाड़ी रन बनाने के लिए तरस जाते थे। मैक्ग्रा कंगारूओं की उस ड्रीम टीम का हिस्सा रहे जिसमें एडम गिलक्रिस्ट, मैथ्यू हेडन , रिकी पॅान्टिंग और साइमन कैटिच जैसे दिग्गज खिलाड़ी शामिल थे। कौन भूल सकता है रविववार, 24 फरवरी का वो दिन जब ऑस्ट्रेलिया दूसरी पारी में साउथ अफ्रीका के खिलाफ इतिहास रचने के मकसद से उतरी थी।
साउथ अफ्रीकी क्रिकेट प्रशंसकों के मन में यही बात चल रही थी कि क्या हमारी टीम इस मैच को बचाने में कामयाब हो पाएगी। जवाब था नहीं। और उनके इस सपने को चकनाचूर करने के पीछे ऑस्ट्रेलिया के दो गेंदबाज थे। अब आपके मन में ये सवाल उठ रहा होगा की आखिर कौन थे वो दो गेंदबाज?
मैदान में मैच देख रहे दर्शक ये सोच रहे थे कि क्या साउथ अफ्रीका इस मैच को बचा ले जाएगा। लेकिन उन्हें भी कहां पता था उनका यह सपना ऑस्ट्रेलिया के दो गेंदबाज चकनाचूर करने के फिराक में हैं। हमें पता है की आपके अंदर ये जानने की उत्सुक्ता है की आखिर वो कौन दो ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाज थे जिन्होंने दक्षिण अफ्रीका को उन्हीं के मैदान में धूल चटा दी थी। चलिए हम आपको बता ही देते हैं। इन दो गेंदबाजो का नाम है शेन वॅार्न और ग्लेन मैक्ग्रा । आपको बता दें की इस नाटकीय मैच में एक समय दक्षिण अफ्रीका का स्कोर था 89 पर 1 लेकिन देखते ही देखते पूरी टीम 133 रन पर सिमट गई। इससे पहले की पारी में भी दक्षिण अफ्रीका की टीम का कुछ यूं ही हाल-ए -बयान था। इसके लिए ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजी की धार कहे जाने वाले ग्लेन मैक्ग्रा का अहम योगदान था।
अगर क्रिकेट एक जेंटलमैन गेम है तो इस खेल के परफेक्ट जेंटलमैन हैं ग्लेन मैक्ग्रा। आइए एक नजर डालते हैं मैक्ग्रा के करियर पर। जानने की कोशिश करते हैं की आखिर क्यों उन्हें इस खेल का परफेक्ट जेंटलमैन कहा जाता है।
प्रोफेशनल क्रिकेट से लेकर विश्व कप तक जब भी उनकी टीम बीच मझधार में फंसी है मैक्ग्रा ने अपनी टीम को मुश्किलों से बचाया है। मैक्ग्रा बचपन से क्रिकेट के शौकीन थे। उनका जन्म ऑस्ट्रेलिया में स्थित डाबू में हुआ। बचपन का कुछ वक्त डाबू में गुजरा। उसके बाद वो न्यू साउथ वेल्स में आकर रहने लगे। अगर आप ये सोच रहेंगे मैक्ग्रा को क्रिकेट खेलने का शौक अचानक से आ गया तो ये बिल्कुल गलत है। आपको बता दें की उन्हें बचपन से क्रिकेट खेलने का शौक था।
क्रिकेट के पीछे उनके जुनूनियत और प्रतिभा को पहचानने के पीछे पूर्व ऑस्ट्रेलियन क्रिकेटर डॅाग वाल्टर्स का हाथ था। साल 1993 का वह दिन था जब वाल्टर्स की नजर एक मैच के दौरान इस प्रतिभावान खिलाड़ी पर पड़ी। आपको बता दें की ग्लेन ने सदरलैंड के लिए 8 फर्स्ट क्लास मैच खेले। और इन मैचों में मैक्ग्रा के शानदार प्रदर्शन की बदौलत उनका चयन ऑस्ट्रेलिया के टेस्ट टीम में हो गया।
उन्हें अपनी राष्ट्रीय टीम में खेलने का पहला मौका न्यूजीलैंड के खिलाफ 12 नवंबर, 1993 को मिला। इस मैच में भले ही ग्लेन को 3 विकेट मिले। लेकिन विश्व क्रिकेट को यह भनक लग चुकी थी की आने वाले साल में हमें एक ऐसा गेंदबाज मिलने वाला है जो इस खेल में अपनी एक अलग पहचान बनाएगा।
आइए एक नजर डालते हैं ग्लेन के रिकॅार्ड भरे आंकड़ों पर
ग्लेन को आंकड़ों का बाजीगर भी कहा जाता था। क्रिकेट का कोई भी प्रारूप हो उनके गेंदबाजी की धार में कभी भी कमी नहीं आती थी।
14 साल के क्रिकेट कैरीयर में ग्लेन ने 124 टेस्ट मैच में 563 विकेट अपने नाम किए।
अपने करियर में उन्होंने 29 बार एक पारी में पांच बल्लेबाजों को पवेलियन का रास्त दिखाया। वहीं 3 बार उन्होंने लगभग सारे खिलाड़ियों को पवेलीयन जाने पर मजबूर किया ।
वहीं अगर वनडे मैचों के आंकड़ों की बात की जाए तो मैक्ग्रा ने 250 मैच में 381 विकेट अपने नाम किए।
मैक्ग्रा की गेंदबाजी कितनी बेहतरीन थी । उसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है की उन्होनें 7 बार बल्लेबाजों को एक साथ पवेलीयन की तरफ रवाना कर दिया।
गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॅार्ड में मैक्ग्रा का नाम दर्ज: क्रिकेट के हरफनमौला गेंदबाज ग्लेन मैक्ग्रा अपना नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड में भी दर्ज करा चुके हैं। उन्हें इस किताब में जगह उनके 2007 विश्व कप में लाजवाब प्रदर्शन की बदौलत मिली थी। उन्होंने इस विश्व कप में 26 विकेट अपने नाम किए थे। ऐसा कारनामा आज तक किसी गेंदबाज के नाम नहीं है।
वहीं अगर टेस्ट मैच में उनके रिकॅार्ड की बात की जाए तो आपकर जानकर हैरानी होगी कि अपने टेस्ट करियर में मैक्ग्रा 35 बार खिलाड़ीयों को बिना खाता खोले ही चलता कर चुके हैं।
गेंदबाजी के साथ अगर उनकी बल्लेबाजी की बात की जाए तो वो यहां पर भी अपना छाप छोड़ चुके हैं मैक्ग्रा । 10वें विकेट के लिए पार्टनरशीप करते हुए उन्होंने 7 बार अपनी टीम को जीत दिलाई है।