इतिहास के पन्नों से
मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर ने किया खुलासा, पाक से डर छोड़ना चाहते थे क्रिकेट
By Shubham - May 11, 2018 2:37 pm
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क्रिकेट के भगवान माने जाने वाले भारतीय बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर ने एक बड़ा खुलासा किया है. अपने 20 साल से उपर के कैरियर में सचिन ने बीच में एक बार इस खेल को छोड़ने का मन बना लिया था. जिसके पीछे का कारण साल 1989 में पाकिस्तान के बेस्ट बोलिंग अटैक को बताया था.  

दरअसल मास्टर ब्लास्ट सचिन तेंदुलकर ने हाल ही में ‘ब्रेकफास्ट विद चैंपियंस’ शो में एक इंटरव्यू के दौरान बड़ा खुलासा करते हुए कहा है कि ‘उस वक्त मैंने सोचा कि कराची में मेरे जीवन की पहली टेस्ट पारी ही शायद आखिरी होगी.’ आपको बता दें कि उस समय इंटरनेशनल क्रिकेट के कदम रखने वाले 16 साल के जूनियर सचिन के सामने दुनिया का सबसे दमदार बॉलिंग अटैक था.

सचिन ने कहा, ‘अपने पहले मैच में मुझे कुछ पता नहीं लग रहा था कि क्या हो रहा है. एक तरफ से वकार यूनुस बॉलिंग कर रहे थे तो दूसरी तरफ से वसीम अकरम. मुझे कुछ पता नहीं था और वे दोनों गेंद को शानदार तरीके से रिवर्स स्विंग भी करा रहे थे. ऐसे अटैक के सामने मेरे पास कोई प्लान नहीं था.’

सचिन ने बताया,  ‘जब मैं ड्रेसिंग रूम में आया तो मेरे दिमाग में चल रहा था कि ये मेरे बस की बात नहीं है. मैंने ड्रेसिंग रूम में अपने साथी खिलाड़ियों से बात की.’

सचिन ने कहा, ‘साथी खिलाड़ियों ने मुझे बताया कि मुझे विकेट पर समय बिताना होगा और संयम से काम लेना होगा, यह अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट है. आप दुनिया के सबसे बेस्ट बॉलिंग अटैक के सामने खेल रहे हो.’

सचिन ने कहा, ‘साथी खिलाड़ियों ने मुझे बताया कि आप यह मत सोचो मुझे पहली ही गेंद से शॉट मारना शुरू कर देना है. आपको विपक्षी टीम के गेंदबाजों को सम्मान देना होगा.’

अपने पहले टेस्ट में सचिन ने सिर्फ 15 रन बनाए थे, लेकिन साथियों द्वारा दी गई सलाह के बाद सचिन ने फैसलाबाद में खेले गए दूसरे टेस्ट में धमाकेदार वापसी की.

सचिन ने कहा, ‘कराची के बाद फैसलाबाद टेस्ट की पहली पारी में मैंने 59 रन बनाए थे. इसके बाद जब मैं ड्रेसिंग रूम में वापस आया तो मैंने खुद से कहा, तूने कर दिखाया और तू कर सकता है.’ इस दौरे के बाद फिर मास्टर ब्लास्टर कभी किसी भी गेंदबाजी आक्रमण के सामने नहीं झुके.