भारतीय टीम में महेंद्र सिंह धोनी के आने के बाद उनकी जगह लेना लगभग नामुमकिन था. धोनी के टीम में 2007 से जुड़ने के बाद एक बात तो साफ़ हो गयी थी की जब तक धोनी जैसा खिलाड़ी टीम में है तब तक कोई भी विकेट कीपर बल्लेबाज अपनी जगह टीम इंडिया में भूल ही जाए.
कुछ ऐसा ही हुआ धोनी के टीम में आने से पहले जगह बना चुके दिनेश कार्तिक और पार्थिव पटेल के साथ. ये दोनों उस दौर के क्रिकेटर है जब इनकी प्रतिस्पर्धा धोनी जैसे दिग्गज खिलाड़ी के साथ थी. मगर धोनी की बराबरी करना इन दोनों के बस में नहीं था. जिसके चलते ये दोनों खिलाड़ी धोनी की चका-चौंध में गुमनाम हो गये.
8 साल बाद मिला मौका
यही कारण है की 2010 में टेस्ट मैच खेलने वाले दिनेश कार्तिक की भारतीय टेस्ट टीम में 8 साल बाद वापसी हुई है. वो अपने 14 साल के कैरियर में अफगानिस्तान के खिलाफ 24 वां टेस्ट मैच खेलेंगे.
जिसके बाद कार्तिक ने कहा, “‘मैं लगातार अच्छा प्रदर्शन नहीं कर सका. प्रतिस्पर्धा बहुत अधिक थी और एम एस धोनी जैसे खिलाड़ी से प्रतिस्पर्धा थी. वह भारत के सर्वश्रेष्ठ क्रिकेट कप्तानों में से एक बने और विश्व क्रिकेट पर अपने प्रदर्शन की छाप छोड़ी.’’
भारतीय टीम ने 2010 के बाद से 87 टेस्ट मैच खेले है. जिसमे कार्तिक ने एक भी मैच नहीं खेला है. धोनी के टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद रिद्धिमान साहा ने अपनी जगह बना ली. जिसके बाद कार्तिक के ल्लिये जगह बनाना और भी मुश्किल होता चला गया. ऐसे में अब साहा के चोटिल हो जाने के कारण कार्तिक को मौका मिला है. जिसका वो भरपूर फायदा उठाना चाहते है.
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धोनी का सम्मान करते है कार्तिक
कार्तिक ने धोनी के प्रति सम्मान प्रकट करते हुए कहा,‘‘मैने अपना स्थान किसी आम क्रिकेटर को नहीं गंवाया. धोनी खास थे और मैं उनका बहुत सम्मान करता हूं. उस समय मैं लगातार अच्छा प्रदर्शन भी नहीं कर सका. अब मुझे एक और मौका मिला है और मैं अपनी ओर से पूरी कोशिश करूंगा.’’