मेहनत का फल देर से ही सही लेकिन जरूर मिलता है और इसी वाक्ये को कोलकाता नाइटराइडर्स के कप्तान दिनेश कार्तिक आईपीएल में सार्थक कर रहे हैं। ना सिर्फ एक कप्तान की हैसियत से बल्कि एक बल्लेबाज की हैसियत से भी वह टीम की जरूरतों पर खरे उतरे हैं। आईपीएल मौजूदा सत्र के एलिमिनेटर मुकाबले में उनकी पारी को ध्यान से देखने पर पता चलता है कि उनमें महेंद्र सिंह धोनी का कीड़ा पूरी तरह समा गया है।
मौजूदा सत्र में धोनी से आगे
बेशक चेन्नई सुपर किंग्स को धोनी ने अपनी कुशल कप्तानी के दम पर फाइनल तक पहुंचा दिया हो लेकिन बल्लेबाजी के मामले में कार्तिक, धोनी से आगे हैं। धोनी ने जहां 15 मैचों में 455 रन बनाए हैं तो कार्तिक के बल्ले से इतने ही मुकाबलों में 490 रन निकले हैं। बल्लेबाजी औसत में बेशक धोनी कार्तिक से आगे हों लेकिन कार्तिक की पारियों ने उनकी टीम के लिए संजीवनी का काम किया है। कहने के लिए यह भी भी कहा जा सकता है कि धोनी के पास आईपीएल में कप्तानी के दबाव के बीच बल्लेबाजी करने की आदत है लेकिन कार्तिक के लिए उस तरह का पहला अनुभव है।
पहले मौके पर लगाया चौका
आईपीएल की नीलामी से पहले जब केकेआर ने गौतम गंभीर को कप्तान के तौर पर रिलीज किया तो सभी ने इस टीम की रणनीतियों पर सवाल उठाए। सवाल तब भी उठे जब रॉबिन उथप्पा और दूसरे सीनियर खिलाड़ियों की मौजूदगी के बावजूद कार्तिक को केकेआर की कमान सौंपी गई। लेकिन बांग्लादेश में ट्राई सीरीज फाइनल में हीरो बनकर लौटे कार्तिक पर जो भरोसा उनकी टीम ने किया उसे उन्होंने पूरा किया है। दूसरी टीमों के मुकाबले एक हल्की टीम नजर आने वाली केकेआर की टीम क्वालीफायर में पहुंच चुकी है और इसका बहुत सारा क्रेडिट कार्तिक को जाता है। राष्ट्रीय टीम में लगातार खुद के ऊपर धोनी को तरजीह देते देखने वाले कार्तिक अब इस खेल के माहिर खिलाड़ी बन गए हैं। अब देखना दिलचस्प होगा कि उनकी प्रतिभा का फायदा भारतीय टीम आने वाले दिनों में कैसे उठाती है।