आईपीएल के 11वें सीजन में चेन्नई सुपर किंग के फाइनल में पहुचने की कहानी से सभी वाकिफ होंगे. इस मैच में चेन्नई के तेज़ गेंदबाज शार्दुल ठाकुर के तीन चौके तो शायद ही कोई क्रिकेट फैन भूल पायेगा. जिसके कारण इन्होने हैदराबाद के जबड़े से जीत छीन ली थी. शार्दुल ने चेन्नई के फ़ाइनल मैच में शानदार तरीके से 5 गेंदों में 15 रन बटोरकर टीम को जीत दिलायी थी. जिसके बाद चारो ओर इस गेंदबाज की बल्लेबाजी की भी लोगो ने काफी सराहना की.
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पालघर ब्लास्टर से इस तरह बन गये एक्सप्रेस
ऐसे में आज हम आपको बताते है की शार्दुल जितने अच्छे गेंदबाज है ठीक उतने ही अच्छे अपने क्रिकेट के शुरूआती दिनो में बल्लेबाज भी हुआ करते थे. शार्दुल ठाकुर का जन्म 16 अक्टूबर 1991 को महाराष्ट्र के पालघर में हुआ था. जहां से शार्दुल ने अपने क्रिकेट कैरियर के सफर की शुरुआत की थी. शार्दुल शुरुआत से ही काफी लम्बे-लम्बे छक्कों के लिए जाने जाते है. ऐसे में इन्होने एक दिन अपने स्कूल की टीम से खेलते हुए छह गेंदों में 6 छक्के लगा डाले थे. जिसके बाद से इस गेंदबाज का नाम उसके जिले पालघर में काफी प्रचलित हो गया था.
हालांकि बाद में शार्दुल ने अपना ध्यान गेंदबाजी की ओर ज्यादा केन्द्रित जिसके कारण वो मुंबई में पालघर ब्लास्टर की बजाए पालघर एक्सप्रेस के नाम से फेमस हुए.
प्रथम श्रेणी में ख़ास नहीं रहा प्रदर्शन
शार्दुल के प्रथम श्रेणी कैरियर की बात की जाए तो उनकी शुरुआत उतनी ख़ास नहीं रही थी. 2012 में मुंबई की रणजी टीम से खेलते हुए शार्दुल ने राजस्थान के खिलाफ मैच से शुरुआत की थी. मगर इस मैच में वो अपनी छाप छोड़ने में नाकमयाब रहे थे. इसके बाद रोहित शर्मा की कप्तानी में साल 2012-13 की रणजी ट्रॉफी में उन्होंने 6 मैचों में 26.25 की औसत से 27 विकेट लिए, जिनमें उनके एक ही मैच के 5 विकेट भी शामिल हैं.
2018 में छाया शार्दुल का जलवा
मगर साल 2018 में शार्दुल ठाकुर की बात की जाए तो अब वो एक स्टार गेंदबाज बन गये है. श्रीलंका में इसी साल खेली गई निदाहास ट्रॉफी में लाजवाब प्रदर्शन के बाद आईपीएल में दो साल बाद वापसी करने वाली चेन्नई सुपरकिंग्स ने उन्हें चैम्पियन बना दिया है. चेन्नई की टीम से खेलते हुए उनके नाम का सिक्का पूरे आईपीएल में चला है. इस तरह कुछ सालो पहले तक गुमनामी में जीने वाले इस गेंदबाज को आईपीएल ने एक स्टार के रूप में लाकर खड़ा कर दिया है.