यह एक सच्चाई है कि राजस्थान रॉयल्स को प्लेऑफ तक पहुंचाने में इंग्लिश बल्लेबाज जोस बटलर की अहम भूमिका रही लेकिन इस टीम में शामिल एक और इंग्लिश खिलाड़ी ने टीम की उम्मीदों को तार-तार करने का काम किया। बात हो रही है स्टार ऑलराउंडर और साढे बारह करोड़ रुपये में टीम से जुड़े बेन स्टोक्स की। मौजूदा सत्र में उनका प्रदर्शन टीम को एकदम रास नहीं आया। ना तो बल्लेबाजी में वो अपना जौहर दिखा पाए और ना ही गेंदबाजी में उनकी काबिलियत देखने को मिली।
13 मैचों में 16 के औसत से बल्लेबाजी
आईपीएल के पिछले सत्र में जब बेन स्टोक्स ने पुणे सुपरजाएंट्स ने भारी-भरकम बोली लगाई थी तब उन्होंने उसे सही साबित किया था लेकिन इस बार उनकी चमक फीकी रही। बल्लेबाजी में स्टोक्स अपने स्टोक नहीं खेल पाए। प्लेऑफ से पहले स्वदेश लौटने वाले स्टोक्स ने पूरे सत्र के 13 मुकाबलों में बल्लेबाजी और इस दौरान वह 16 की मामूली औसत से महज 196 रन बना पाए जिसमें कोई भी पचासा शामिल नहीं था। लम्बे-लम्बे शॉट्स लगाने के लिए जाने वाले स्टोक्स के बल्ले से पूरे सत्र में महज छह छक्के निकले।
13 मुकाबलों में महज 8 विकेट
बल्लेबाजी में असफल रहने वाले स्टोक्स अपनी धीमी गेंदबाजी से भी विरोधी खेमे में कोई हलचल नहीं मचा सके। उन्होंने 13 मुकाबलों में 37 से ज्यादा की औसत से महज आठ विकेट झटके। इस दौरान उन्होंने आठ से ज्यादा की इकॉनमी से रन भी खर्चे। यानी गेंदबाजी में भी उन्होंने टीम की उम्मीदों को चकनाचूर किया।
कुल मिलाकर राजस्थान रॉयल्स ने जो सोचकर स्टोक्स पर भारी-भरकम रकम लगाने का दांव खेला था, वह जायज नहीं साबित हुआ। वहीं, उनकी राष्ट्रीय टीम के साथी खिलाड़ी जोस बटलर ने 13 मुकाबलों में करीब साढे पांच सौ रन कूट डाले और अपने चयन को सही साबित किया। वो कहते हैं ना कि अगर किसी घर का एक पिल्लर भी कमजोर हो तो घर ज्यादा देर तक नहीं टिक पाता। यही हाल राजस्थान का हुआ।