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टेस्ट मैच में टॉस की गरिमा रहेगी बरकरार, बॉल टेम्परिंग पर नियम हुए सख्त
By Shubham - May 30, 2018 10:46 am
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हाल ही में पिछले कई दिनों से मैच में टॉस होने ना होने को लेकर चल रही अटकलों पर अब विराम लग गया है. भारत के पूर्व कोच अनिल कुंबले की अगुवाई वाली आईसीसी की क्रिकेट समिति ने टॉस को मैच का अभिन्न हिस्सा करार दिया है. जिससे अब ये साफ़ हो गया है की मैच से पहले सिक्का जरूर उछाला जाएगा.

कुंबले की अगुवाई में समिति ने खिलाड़ियों के व्यवहार के संबंध में सिफारिशें की और आईसीसी से खिलाड़ियों और प्रतिस्पर्धी टीम के बीच ‘सम्मान की संस्कृति’ को बरकरार रखने के साथ-साथ गेंद से छेड़छाड़ जैसे मामलो पर सख्त सजा रखने की बात कही.

हालांकि चर्चा के मुख्य बिंदुओं में से केंद्र विषय यह था कि क्या टेस्ट मैचों के दौरान घरेलू हालात के फायदे को कम करने के लिये टॉस (दौरा करने वाली मेहमान टीम को चुनने का अधिकार मिले) को खत्म कर दिया जाये.

आईसीसी ने अपनी विज्ञप्ति में कहा, ‘‘समिति ने चर्चा की कि क्या टॉस का अधिकार सिर्फ दौरा करने वाली टीम के हिस्से कर दिया जाये लेकिन बाद में ऐसा महसूस किया गया कि यह टेस्ट क्रिकेट का अभिन्न हिस्सा है जो खेल की शुरूआत में मैच की अहम भूमिका तय करता है.’’

हालांकि समिति में पूर्व अंतरराष्ट्रीय कप्तान जैसे माइक गैटिंग, माहेला जयवर्धने, मौजूदा अंतरराष्ट्रीय कोच माइकल हेसन (न्यूजीलैंड) और पूर्व आस्ट्रेलियाई सलामी बल्लेबाज डेविड बून भी शामिल थे. ये सब इस बात पर सहमत थे कि मेजबान देश को विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप को ध्यान में रखते हुए बेहतर स्तर की पिचें तैयार करनी चाहिए.

इसके अनुसार, ‘‘टेस्ट पिचों को तैयार करना आईसीसी विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप की प्रतिस्पर्धिता को जोखिम पैदा कर सकता है, यह बात स्वीकार करते हुए समिति ने सदस्यों से पिचों की गुणवत्ता पर ध्यान जारी रखने का आग्रह किया ताकि आईसीसी नियमों के अंतर्गत बल्ले और गेंद के बीच बेहतर संतुलन बनाया जा सके.’’

टॉस को हटाया जाना इन दिनों एक विवादास्पद मुद्दा बन गया था क्योंकि ज्यादातर पूर्व खिलाड़ियों और हिस्सेदारों ने इसे नकारात्मक कदम बताया था.

कुंबले ने कहा, ‘‘हमने खिलाड़ियों के बर्ताव के मुद्दे को लेकर भी काफी अच्छी चर्चा की और मैं माइक गैटिंग और डेविड बून का हमसे जुड़ने और चर्चा में महत्वपूर्ण योगदान के लिये शुक्रिया करना चाहूंगा.’’

उन्होंने कहा, ‘‘समिति ने आईसीसी के मुख्य कार्यकारियों की समिति और आईसीसी बोर्ड की भावनाओं का समर्थन किया और हमने सम्मान की संस्कृति बनाने के लिये कई सिफारिशें की हैं.’’

आचार संहिता के संबंधित कुछ सुझाव इस प्रकार हैं –  अपमानजनक, व्यक्तिगत और आक्रामक अपशब्दों के लिये नये उल्लघंन बनाना. गेंद से छेड़छाड़ से जुड़े प्रतिबंध को बढ़ाना. अनुचित फायदा उठाने का प्रयास करने के लिये नये अपराध को शामिल करने पर विचार करना. सम्मान संहिता बनाना. मैच रैफरी को किसी अपराध या उल्लघंन के स्तर को बढ़ाने या घटाने का अधिकार देना.