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उत्तर प्रदेश से सचिन के घर तक के सफर में बड़े कष्ट उठाये इस युवा बल्लेबाज ने
By Shubham - Jul 12, 2018 10:41 am
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क्रिकेट का भगवान सचिन तेंदुलकर को यूं ही नहीं कहा जाता है. बड़े-बड़े मुकाम हासिल करने के साथ ही उनके सरल और सादे स्वाभाव में भी भगवान की झलक दिखायी पड़ती है. अक्सर भगवान सचिन क्रिकेट( मंदिर) के भक्तो ( खिलाड़ियों) की मदद करते दिखायी देते है. जिसके चलते अब उन्होंने उत्तर प्रदेश एक छोटे से जिले से निकले 17 वर्षीय यशस्वी जायसवाल की मदद की है. बता दे की यशस्वी इन दिनों सचिन के बेटे अर्जुन तेंदुलकर के साथ श्रीलंका दौरे पर गये हुए है.

मुंबई में बड़े कष्ट सहे यशस्वी ने

yashasvi jaiswal
yashasvi jaiswal ( pic source-google )

उत्तरप्रदेश के भदोही जिले के एक छोटे से गांव का रहने वाला यशस्वी 2 बड़ी बहनों और एक बड़े भाई के बाद घर का सबसे छोटा सदस्य है. बचपन से क्रिकेट को अपने जुनून में रखने वाले यशस्वी के पिता की आमदनी इतनी नहीं थी की वो अपने बेटे के इस रियासी शौक को पूरा कर पाते. ऐसे में कुछ कर गुजरने के इरादे से यशस्वी सपनों की नगरी में अपना सपना संजोय साल 2013 में क्रिकेट खेलने मुंबई आ गया. यहां आकर सबसे पहले वो एक डेयरी में रहा, लेकिन वहां उसे सिर्फ इस शर्त पर रखा गया कि उसे दुकान में काम भी करना होगा. दिनभर क्रिकेट खेलने वाले यशस्वी के लिए क्रिकेट खेलने के बाद दुकान पर काम करना संभव नहीं था इसलिए उसे दूकान का साथ छोड़ना पड़ा.

टेंट में 6 बच्चों के साथ काटी रातें

इसके बाद कई बड़े क्रिकेटर्स की जन्मभूमि रहे आज़ाद मैदान में मौजूद मुस्लिम यूनाइटेड क्लब ने इस शर्त पर यशस्वी को अपने तंबू में रहने की इजाजत दी कि उसे मैच में बढ़िया परफॉरमेंस करना होगा. इसके बाद करीब 3 साल के लिए आज़ाद मैदान का यही तंबू यशस्वी का निवास स्थान बन गया. इस दौरान यशस्वी ने बहुत स्ट्रगल किया. बारिश के दिनों में तंबू के अंदर गंदा पानी भर जाता था, रात को मच्छर काटा करते थे. एक छोटे-से तंबू में यशस्वी के साथ 6 और बच्चे भी रहा करते थे.

भगवान को लगी भक्त की भनक

खास बात यह रही कि जब सचिन को यशस्वी की इस कहानी का पता चला तो उन्होंने मिलने के लिए अपने घर बुलाया. सचिन के साथ यशस्वी की 45 मिनट की एक लंबी बातचीत हुई. यशस्वी ने सचिन से अपने कई सारे खेल से जुड़े पहलुओं पर बात की और खेल में किस स्तर पर जा कर कितना सुधार किया जा सकता है इन सब पर एक टिप्स लिए. सचिन से बात करते वक्त वो इतना खो गए कि एक सेल्फी खिचवाने तक की बात याद नहीं रही. सचिन ने ज़रूर यशस्वी को अपना एक बैट साइन करके याद के तौर पर भेंट किया.

सोशल मीडिया से नहीं वास्ता इस खिलाड़ी का 

yashasvi jaiswal
yashasvi jaiswal ( pic source-google )

जहां छोटी-सी उम्र में ही बच्चे सोशल मीडिया के चुंगल में फस जाते हैं ऐसे में यशस्वी के पास न तो कोई स्मार्टफ़ोन है और ना ही वो किसी सोशल मीडिया पर एक्टिव हैं. वो अपने खेल को लेकर बेहद फोकस रहते हैं. उन्होंने पिछले 5 सालों में करीब 49 शतक लगा दिए हैं. यही वजह रही है कि अब उसका सिलेक्शन श्रीलंका जाने वाली अंडर-19 क्रिकेट टीम में हुआ है, जहां यशस्वी के साथ सचिन तेंदुलकर के बेटे अर्जुन तेंदुलकर भी खेल रहे होंगे. यहाँ पर यशस्वी बेहतरीन प्रदर्शन करके अपने खेल को और आगे ले जाने की कोशिश करेंगे.