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जानिये किस खिलाड़ी के खौफ से संगकारा और महेला ने की 624 रनों की रिकॉर्ड साझेदारी
By Shubham - Jun 27, 2018 7:50 am
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क्रिकेट के मैच में दो बल्लेबाजो के बीच साझेदारी का काफी महत्व होता है. एक साझेदार मैच के रूख को पलट देती है. फिर चाहे फॉर्मेट कोई भी हो टी-20 या वन-डे या टेस्ट क्रिकेट. इन सभी में अगर टेस्ट क्रिकेट फॉर्मेट की बात करे तो सबसे बड़ी-बड़ी साझेदारियाँ हमे इसी लम्बे फॉर्मेट में देखने को मिलती है. इसी कड़ी में आज के दिन श्रीलंका के दो बल्लेबाजो ने टेस्ट इतिहास की सबसे बड़ी साझेदारी बनाई थी.

जी हाँ 27 जुलाई 2006 को दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ पहले टेस्ट में श्रीलंका के दो महान बल्लेबाजों कुमार संगाकारा और महेला जयवर्धने ने टेस्ट क्रिकेट के इतिहास की सबसे बड़ी साझेदारी बनाई थी. संगाकारा-जयवर्धने ने तीन दिन तक पिच पर खूंटा गाड़ते हुए तीसरे विकेट के लिए 624 रन जोड़े थे. जिसमे कुमार संगाकारा ने 287 और मैन ऑफ द मैच जयवर्धने ने 374 रन बनाए थे. ऐसे में आज इस बात का खुलासा हुआ है की किस खिलाड़ी के डर से दोनों ने साझेदारियां बनायी थी.

यूट्यूब चैनल वॉट द डक कार्यक्रम के तीसरे सीजन में शामिल हुए संगाकारा और मुरलीधरन ने टीम के कई दिलचस्प किस्से खोले. सीनियर गेंदबाज मुरलीधरन ने उस ऐतिहासिक साझेदारी के बारे में बात करते हुए कहा, “उन दोनों को पता था कि वो जल्दी आउट होकर ड्रेसिंग रूम में नहीं आ सकते. मैं उन्हें बंबू देता. सारे बल्लेबाज डरे हुए थे क्योंकि मुझे बड़ा स्कोर चाहिए था. इसी वजह से वो मैदान में ही रहे.”

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संगाकारा-जयवर्धने भी मुरली के साथ लेना चाहते थे सन्यास

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mahela-sanga ( pic source-google )

संगाकारा ने बताया कि इस साझेदारी के दौरान ही जयवर्धने और उन्होंने पहली बार संन्यास के बारे में सोचा था. पूर्व कप्तान ने कहा, “वो साझेदारी एक घटना थी. हमने बल्लेबाजी के बारे में बिल्कुल बात नहीं की थी. हम दो दिन तक खाने और दूसरी चीजों के बारे में बात कर रहे थे. वो पहला मौका था, जब हमने संन्यास के बारे में बात की थी. क्योंकि जब हमने दक्षिण अफ्रीका को दो दिन तक फील्डिंग करते देखा तो हमने सोचा कि हम अपने साथ ऐसा होना पसंद नहीं करेंगे. इसलिए बेहतर यही होगा कि हम मुरली के साथ ही संन्यास ले लें.” मगर ऐसा सोचने के बाद हुआ बिल्कुल भी नहीं. इन दोनों बल्लेबाजो ने इसके बाद भी कई साझेदारियां निभाई. जिसके चलते जयवर्धने ने 2014 में और संगाकारा ने इसके एक साल बाद 2015 में टेस्ट क्रिकेट को अलविदा कह दिया.