अपनी तूफानी बल्लेबाजी के अंदाज से दुनिया भर के गेंदबाजों को सदमे में रखने वाले बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग को पंजाब की सह मालकिन प्रीती जिंटा ने डांट लगा दी है. सहवाग से प्रीती ने पूछा की टीम 158 जैसे आसान लक्ष्य का पीछा क्यों नहीं कर पायी? उनकी क्या रणनीति थी? इस तरह प्रीती ने मैच हारने के बाद एक के बाद एक सहवाग के सामने सवालों की झड़ी लगा दी. जिसके बाद ऐसा लग रहा है की सहवाग इस साल के बाद अगले साल कही किंग इलेवन पंजाब के मेंटर का पद न छोड़ दे.
सहवाग से हुई थी ये बड़ी गलती
बता दे की आईपीएल-11 में पंजाब के पिछल्ले मैच में राजस्थान ने 158 रनों का लक्ष्य दिया था. जिसके जवाब में पंजाब की टीम इस लक्ष्य को पाने में नाकाम रही. ऐसे में पंजाब में लिए पिछले 5 सालो से मेंटर के पद पर कार्य कर रहे सहवाग से इस मैच में एक बड़ी गलती हो गयी.
मुंबई मिरर की रिपोर्ट के मुताबिक, राजस्थान के खिलाफ रविचंद्रन अश्विन को नंबर तीन पर बल्लेबाजी के लिए भेजा गया था. जबकि करुण नायर और मनोज तिवारी जैसे बल्लेबाज टीम के पास थे. यह रणनीति कामयाब नहीं हुई और अश्विन शून्य पर आउट हो गए. सूत्रों का यह भी कहना है कि शुरू में सहवाग शांत रहे लेकिन प्रीति लगातार इसका दोष उन पर लगाती रही. हालांकि, सहवाग ने उन्हें सफाई देने की भी कोशिश की.
प्रीती जिंटा पहले भी कर चुकी है अभद्र बर्ताव
खबरों की माने तो प्रीति जिंटा इस बात से काफी परेशान थीं कि पिछले चार मैचों में से टीम 3 मैच हार चुकी है, लेकिन सहवाग और प्रीति के बीच तल्ख संवादों के गवाहों का मानना है कि प्रीति ने गलत आदमी को चुन लिया है. ऐसा भी नहीं है कि पंजाब के कोचिंग स्टाफ को पहली बार प्रीति की डांट सुननी पड़ी हो. 2016 में कोच संजय बांगर को प्रीति जिंटा ने बाहर निकालने की धमकी दे दी थी. हालांकि, बाद में इस बात का खंडन करते हुए टीम की तरफ से कहा गया था कि यह मीडिया ने इस गलत ढंग से पेश किया है.
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दूसरे सह मालिक ने किया बचाव
जब टीम के सह मालिक मोहित बर्मन ने संपर्क करने की कोशिश की गई तो वह भी उपलब्ध नहीं थे. बाद में उन्होंने कहा, ‘जहां तक मैं जानता हूं ऐसी कोई समस्या नहीं है. मैंने वीरू और प्रीति दोनों से बात की है.’
कई सालों से पंजाब के साथ जुड़े हुए है सहवाग
गौरतलब है कि वीरेंद्र सहवाग पिछले पांच साल से पंजाब टीम से जुड़े हुए है. वह टीम के लिए ओपनिंग करते थे. गत वर्षों से वह टीम के मेंटर हैं और ऑक्शन में भी उनका अहम रोल रहा है. उन्होंने ही अश्विन और पंजाब की तीन-तीन मैच जीतने वाले गेल को टीम में शामिल कराया था. पिछले एक दशक से पंजाब की टीम आईपीएल ख़िताब नहीं जीत पायी है. ऐसे में कई सालों बाद पंजाब की टीम प्लेऑफ में जाती नजर आ रही है. जिसके कहते उनकी टीम मालकिन कोई भी रिस्क नहीं उठाना चाहती है.