आईपीएल-11 में दो साल बाद वापसी करने वाली चेन्नई सुपर किंग का जलवा बरकरार है. इस बार भी महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में ये टीम प्लेऑफ में क्वालीफाई कर चुकी है. जिसके पीछे का कारण दुनिया के सबसे खतरनाक फिनिशर धोनी को माना जा सकता है. धोनी ने इस साल अपनी धुआंदार बल्लेबाजी से चेन्नई की टीम को कई मैच अंत तक ले जाकर आखिरी छड़ों में जीतायें है. मगर दिल्ली के इस खिलाड़ी ने धोनी की काठ ढूँढ़ ली. जिसके चलते धोनी खड़े तो रहे टीम के आखिरी तक मगर मैच नहीं जीता पाये.
दिल्ली ने इस तरह बिछाया जाल

जी हाँ दिल्ली डेयरडेविल्स के खिलाफ मैच में 163 के लक्ष्य का पीछा करते समय चेन्नई सुपरकिंग्स के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी लगभग आठ ओवर तक क्रीज पर रहे. लेकिन इस दौरान धोनी 23 गेंद खेल 17 रन ही बना पाए. धोनी के बल्ले को खामोश रखने में दिल्ली के ऑलराउंडर हर्षल पटेल का अहम योगदान रहा. मैच के बाद हर्षल ने धोनी के खिलाफ अपनी रणनीति के बारे में बात करते हुए कहा, ‘‘हम सभी को पता है कि वो क्या कर सकता है. हमें पता है कि उसके मजबूत पक्ष क्या हैं. हमारी योजना साफ थी कि उसके मजबूत पक्षों के हिसाब से गेंदबाजी नहीं करनी. हमने उसे धीमी और बाहर की ओर गेंदबाजी करने की योजना बनाई और इसे काफी अच्छी तरह लागू किया.’’
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पटेल का शानदार खेल

मैन ऑफ द मैच रहे पटेल ने गेंद के साथ बल्ले से भी कमाल दिखा. नाबाद 36 रनों की पारी खेलकर पटेल ने विजय शंकर के साथ अर्धशतकीय साझेदारी बनाई. इस पर पटेल ने कहा, ‘‘पारी के 16वें ओवर में स्ट्रैटेजिक ब्रेक के दौरान हमने सोचा कि अगर हम 140 रन बना लेते हैं तो ये अच्छा स्कोर रहेगा. हम उन्हें जल्दी आउट करके मैच जीतने की कोशिश कर सकते हैं लेकिन अंतिम तीन ओवर में मैंने और विजय शंकर ने जिस तरह की बल्लेबाजी की वह विशेष थी.’’
पटेल ने कहा, ‘‘इस मैदान पर लक्ष्य का बचाव करना हमेशा मुश्किल होता है. लेकिन अगर आपकी रणनीति अच्छी है और आप इस पर कायम रहते हैं जो सफलता की संभावना बढ़ जाती है. 160 रन निश्चित तौर पर विजयी स्कोर नहीं था. लेकिन हमें पता था कि अगर हम अपनी योजना पर कायम रहते हैं और अच्छा क्षेत्ररक्षण करते हैं तो जीत दर्ज कर सकते हैं.’’
इस तरह धोनी की कमजोरी की दर्शाते हुए दिल्ली के इस खिलाड़ी ने अपनी टीम के लिए बेहतर योजना बनाई. हालांकि चेन्नई की टीम को इस हार से कोई ख़ास फर्क नहीं पड़ा. वो पहले ही प्लेऑफ के मुकाबलों के लिए क्वालीफाई कर चुकी है. बात अगर दिल्ली डेयरडेविल्स की करे तो वो इस टूर्नामेंट में सबसे अंतिम पायदान पर चल रही है. हर साल की भाँती इस सा भी दिल्ली की टीम दम दिखाने में नाकामयाब रही.