जिम्बाब्वे क्रिकेट ने अपनी टीम के सुनहरे भविष्य की कामना करते हुए भारत के दिग्गज बल्लेबाज लालचंद राजपूत को अपना मुख्य कोच नियुक्त किया है. इससे पहले जिम्बाब्वे के कोच हीथ स्ट्रीक थे. जिसके बाद अब जिम्बाब्वे क्रिकेट लालचंद राजपूत के मार्गदर्शन में आगे बढ़ेगा.
बता दे की लालचंद राजपूत का कोचिंग का सफर काफी अच्छा रहा है. इन्होने अपनी कोचिंग से अफगानिस्तान जैसे देश को क्रिकेट की आईसीसी में पूर्ण सदस्यता दर्जा हासिल करवाया. इनके निराक्ष्ण में अफगानिस्तान ने छह वन-डे सीरीज जीती है. जिसमे एक मैच में अफगानिस्तान ने पूर्ण सदसय वेस्टइंडीज को हराकर अपना मनोबल काफी बढ़ा लिया था.
जिसके बाद अफगानिस्तान को हाल में टेस्ट दर्जा दिया गया और टीम अपना पहला टेस्ट अगले महीने बेंगलुरू में भारत के खिलाफ खेलेगी.
राजपूत ने कहा, ‘जब मैं अफगानिस्तान से जुड़ा था तो कोई नहीं जानता था कि वह इस स्तर तक पहुंचेगा. और हमें (अफगानिस्तान) को टेस्ट दर्जा मिल गया. हमने कोई भी सीरीज नहीं गंवायी. अब लोग अफगानिस्तान के बारे में बात कर रहे हैं कि वे अच्छा कर रहे हैं. मैं जिम्बाब्वे के साथ भी यही होते हुए देखना चाहता हूं.’
उन्होंने कहा, ‘मैं खुश हूं कि जिम्बाब्वे ने मुझे इस पद के लिये संपर्क किया और वे मेरी सेवायें चाहते हैं. यह देखकर अच्छा लगता है कि अंतरराष्ट्रीय टीम मेरी प्रतिभा देख रही हैं. यह मेरे लिये बड़ी चुनौती है क्योंकि जिम्बब्वे ने 2019 विश्व कप के लिये क्वालीफाई नहीं किया है, इसलिये लोग इसके बारे में बात कर रहे हैं. लेकिन मैं इसे चुनौती के रूप में ले रहा हूं और मुझे चुनौतियां पसंद हैं.
गौरतलब है की महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में भारत ने जब पहली बार टी-20 वर्ल्ड कप जीता था उस समय भी टीम के मैनेचर और कोच लालचंद राजपूत ही थे. बीसीसीआई उस समय एक नियमित कोच की तलाश कर रही थी इसलिए राजपूत, वेंकटेश प्रसाद और रोबिन सिंह को क्रमश: स्टैंड इन कोच, गेंदबाजी कोच और फील्डिंग कोच नियुक्त किया गया था.