“एक ऐसा खेल जहां पुरुषों का एकाधिकार है, उसे चुनना आसान नहीं था. मुझे यकीन है कि पिछले विश्व कप के बाद चीजें बदली हैं, भारत में महिलाओं के क्रिकेट के प्रति लोगों की धारणा बदल गई है.” ऐसा मानना है भारतीय महिला वन-डे क्रिकेट की कप्तान मिताली राज का. उनका कहना है की भारत में दिन प्रति दिन महिला क्रिकेट की ओर लोगो का रुख बदल रहा है. जबसे हमने 2017 विश्वकप में अच्छा खेल दिखाया है तबसे चीज़े काफी बदल गयी है. मुझे यकीन है की हमारी टीम भी एक दिन क्रिकेट वर्ल्ड कप जरूर जीतेगी.
मुंबई में हुए इस कार्यक्रम में मिताली के अलावा भारतीय टेनिस स्टार सानिया मिर्जा भी मौजूद थी. मिताली ने अपने करियर में अपने माता-पिता के समर्थन के बारे में बात करते हुए कहा, “मुझे यकीन है कि सानिया भी इस बात से सहमत होगी कि हमारे माता-पिता ने हर मुश्किल में हमारा साथ दिया है और इसी वजह से वो ऐसे क्रांतिकारी रहे हैं जिन्होंने हमे ये मंच दिया और अपनी पहचान बनाने की आजादी थी.”
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मिताली ने माना कि एक महिला एथिलीट के लिए सबसे बड़ी परेशानी लोगों की ये धारणा होती है कि खेल लड़कियों के लिए नहीं है, उन्होंने कहा, “हमे समाज की सोच बदलनी होगी क्योंकि बतौर महिला एथिलीट लोगों कि इस घारणा का सामना करना कि खेल लड़कियों के लिए नहीं है, हमारे सफर की सबसे बड़ी चुनौती है.”
इस तरह हिंदुस्तान में लोगो की सोच के विपरीत जाते हुए सानिया मिर्जा और मिताली राज जैसी लड़कियों ने उनके मूहं पर तमाचा जड़ा है. जो ये सोचते है की खेल सिर्फ पुरुषो के लिए बने है. आज भारत के हर खेल में लडकियां बढ़ चढ़कर हिस्सा लेती है. जिसमे से सबसे लोकप्रिय खेल क्रिकेट में भी लड़कियां आगे आकर बढ़-चढ़ कर हिस्सा ले रही है. इस बात से भारतीय महिला क्रिकेट की कप्तान मिताली राज काफी खुश है.