अफगानिस्तान की टीम 14 जून को बेंगलुरु के एम चिन्नास्वामी स्टेडियम में उतरते ही एक ऐसा इतिहास रच देगी. जिसके बारे में शायद अपने अभी तक नहीं सुना होगा. भारत के खिलाफ टेस्ट मैच खेलते ही जहां अफगान की टीम 12वी टीम बनेगी. इसके साथ ही एक ऐसा इतिहास लिख देगी जो की टेस्ट क्रिकेट में पहली बार होगा.
जी हाँ अंग्रेजो की सरजमी से शुरू हुए इस खेल में उन्ही देश की टीमो को अभी तक टेस्ट का दर्जा प्राप्त हुआ है. जो देश सीधे या परोक्ष रूप से अंग्रेजो के गुलाम रहे है. ऐसे में अफ्गान्सितन ऐसा पहला आज़ाद देश बनेगा. जिसने कभी भी अंग्रेजो को गुलामी नहीं सही. इस तरह कल के मैच की पहली गेंद डालने के साथ ही अफगानिस्तान का नाम क्रिकेट इतिहास में सुनहरे अक्षरों से लिखा जाएगा.
शुरुआत में सिर्फ दो टीमें खेलती थी क्रिकेट
आईसीसी की तरफ से भारत को मिलाकर कुल 11 टीमों को टेस्ट क्रिकेट खेलने का दर्जा हासिल है. इन टीमों में इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया ने टेस्ट इतिहास का पहला मुकाबला खेला था. 1876 से लेकर 1905 तक सिर्फ दो देशो की टीमों के बीच ही क्रिकेट खेला जाता था. 1905 में दक्षिण अफ्रीका तीसरी टीम बनीं जिसने क्रिकेट में कदम रखा और फिर 1928 में वेस्टइंडीज का नाम भी क्रिकेट से जुड़ा.
भारत ने 1932 में रखा क्रिकेट की दुनिया में कदम
भारतीय क्रिकेट टीम ने साल 1932 में क्रिकेट की दुनिया में कदम रखा. इंग्लैंड के साथ भारत को एक मात्र टेस्ट खेलने का मौका मिला जिसमें उसे हार मिली.
टेस्ट दर्जा प्राप्त 11 टीमों के नाम
इंग्लैंड, ऑस्ट्रेलिया, वेस्टइंडीज, भारत, न्यूजीलैंड, पाकिस्तान, जिम्बाब्वे, दक्षिण अफ्रीका, श्रीलंका, बांग्लादेश और हाल ही में आयरलैंड